नोटबंदी: दो साल में ही चलन से बाहर होने लगे नए नोट

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(AU)

नोटबंदी के बाद बाजार में आए नए नोट दो साल बाद ही चलन से बाहर होने लगे हैं। आलम यह है कि 2,000 और 500 रुपये के नए नोटों के साथ इसी साल जनवरी में जारी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर उर्जित पटेल के हस्ताक्षर वाले चॉकलेटी ब्राउन रंग के 10 रुपये के नोट पर भी यह खतरा मंडराने लगा है। इसी के मद्देनजर वाणिज्यिक बैंकों ने इन नोटों को जारी नहीं करने योग्य (नॉन इश्यूबल) की श्रेणी में डालकर चलन से बाहर करना शुरू कर दिया है।

एक अग्रणी सरकारी बैंक के वरिष्ठ अधिकारी ने अमर उजाला को बताया कि आरबीआई गवर्नर के हस्ताक्षर से जारी हुए नए नोटों के कागज की गुणवत्ता पहले के नोटों के मुकाबले खराब है। इसलिए नए नोट जल्द खराब हो रहे हैं। एक बार नोट खराब हो जाने पर इन्हें एटीएम में नहीं डाला जा सकता है क्योंकि एटीएम का सेंसर खराब नोटों की गणना में गड़बड़ी कर देता है। अधिकारी का कहना है कि आमतौर पर नए नोटों को दो बार से ज्यादा एटीएम में नहीं डाला जा रहा है।

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