भगोड़े कारोबारी माल्या के प्रत्यर्पण पर 10 दिसंबर को निर्णय सुनाएगी ब्रिटिश कोर्ट

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(AU)

बैंकों का 9 हजार करोड़ रुपया लेकर भगोड़ा हुए शराब कारोबारी विजय माल्या को भारत वापस लाया जा सकेगा या नहीं, इस बात का निर्णय 10 दिसंबर को होगा। भारत की तरफ से किए गए प्रत्यर्पण के आग्रह पर सुनवाई कर रही वेस्टमिंस्टर कोर्ट की जज एम्मा आर्बुथनॉट ने बुधवार को दोनों पक्षों की फाइनल बहस सुनने के बाद ये तारीख तय की। फैसला आने तक माल्या को इस मामले में मिली जमानत बरकरार रहेगी।

इससे पहले सुनवाई के दौरान माल्या के वकीलों ने वेस्टमिंस्टर कोर्ट के सामने भारत सरकार की तरफ से रखे गए सबूतों को सरासर निराधार बताया। साथ ही आर्थर रोड जेल के वीडियो की भी आलोचना की। माल्या की वकील क्लेर मोंटगोमेरी ने कहा कि बैरक में ताजा पेंट किया गया है और वहां कृत्रिम तरीके से प्रकाश दिखाने की कोशिश की गई, जो वहां है ही नहीं।

माल्या की वकील ने मांग की कि कोर्ट एक स्वतंत्र जांच दल को जेल की बैरक का निरीक्षण करने भेजे, जो ये तय करे कि यह बैरक ब्रिटिश मानवाधिकार मानकों को पूरा करती है या नहीं। उन्होंने ये भी दावा किया कि वीडियो में दिखाई गई बैरक इससे पहले भारतीय अधिकारियों की तरफ से दिए गए फोटो से मेल नहीं खाती है।

हालांकि जज आर्बुथनॉट ने स्पष्ट किया कि वे भारत में कैदखाने की स्थिति के बारे में कोई और जानकारी नहीं चाहती हैं। बता दें कि जज एम्मा ने जुलाई में पिछली सुनवाई के दौरान सीबीआई को बैरक का वीडियो पेश करने के आदेश दिए थे। इसी बैरक में प्रत्यर्पण के बाद माल्या को भारत लाकर रखा जाएगा।

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