BJP को दलितों के स्मारकों की आलोचना के लिए माफी मांगनी चाहिए: मायावती

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(Hindustan)

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने स्वतन्त्र भारत के पहले गृहमंत्री श्री पटेल को उनकी जयन्ती पर श्रद्धासुमन अर्पित करते हुये कहा कि ‘स्टैच्यू आफ यूनिटी’ प्रतिमा का अनावरण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किये जाने के बाद भाजपा तथा राष्ट्रीय सेवक संघ (आर.एस.एस) के लोगों को बहुजन समाज के लोगों से माफी मांगनी चाहिये। ये लोग बाबा साहेब डॉ० भीमराव अम्बेडकर समेत दलितों एवं अन्य पिछड़े वर्गों में जन्मे महान सन्तों, गुरुओं व महापुरुषों के आदर -सम्मान में बसपा सरकार द्वारा निर्मित भव्य स्थलों/स्मारकों/पार्कों आदि को फिजूलखर्ची बताकर इनकी आलोचना किया करते थे।

न्यूज एजेंसी वार्ता के अनुसार, मायावती ने कहा कि श्री पटेल अपनी बोल-चाल, रहन-सहन तथा खान-पान में पूर्ण रुप से भारतीयता तथा भारतीय संस्कृति की एक मिसाल थे। उनकी भव्य प्रतिमा का नामकरण हिन्दी एवं भारतीय संस्कृति के नज़दीक होने के बजाय उनका ‘स्टैच्यू आफ यूनिटी’ जैसा अंग्रेजी नाम रखना कितनी राजनीति है और उनको कितनी श्रद्धा है यह देश की जनता अच्छी तरह से समझ रही है।

उन्होने आगे कहा कि उनकी प्रतिमा पर विदेशी निमार्ण की छाप उनके समर्थकों को हमेशा सताती रहेगी। श्री वल्लभ भाई पटेल भी बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर की तरह एक राष्ट्रीय व्यक्ति थे और उनका सम्मान भी था। भाजपा को श्री पटेल के नाम पर राजनीति करने के बजाय उनसे सही मायने में लगाव होता तो गुजरात में अपने लम्बे शासन के दौरान उन्होंने उनकी ऐसी भव्य प्रतिमा क्यों नही बनाई।

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