कुछ नेता डुबो देंगे भाजपा की लुटिया, एक महीने में चालू हो गयी लूट खसोट

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नरेंद्र मोदी और आदित्यनाथ योगी सरकार की ईमानदारी को लेकर जो चाहे दावा कर लें लेकिन यूपी में 17 साल बाद सत्ता में लौटी भाजपा के कुछ नेताओं और विधायकों ने 2019 में पीएम मोदी की लुटिया डुबोने का पूरा इंतजाम कर लिया है।
सरकार बनने के एक महीने के भीतर ही भाजपा के कुछ नेताओं और विधायकों ने लोगों से वसूली शुरू कर दी है। योगी सरकार ने जो नीतियां पब्लिक की भलाई के लिए लागू की हैं उन्ही को गलत ढंग से परिभाषित करके भाजपा के कुछ विधायक और नेताओं ने पब्लिक से वसूली शुरू कर दी है। सरकार ने माफियाओं पर कार्रवाई की बात कही लेकिन भाजपा विधायकों ने इसकी आड़ में हर व्यापारी कारोबारी का जीना मुश्किल कर दिया है।
ये शराब का काम करने वाले को शराब माफिया, खनन का काम करने वाले को खनन माफिया,  कोचिंग चलाने वाले को शिक्षा माफिया, ई कचरा वाले को कचरा माफिया और बिल्डर्स को भू माफिया बताकर लोगों से वसूली कर रहे हैं। प्रचंड बहुमत की सरकार है, लिहाजा पुलिस भी भाजपा नेताओं और विधायकों के इशारों पर नाच रही है। जो लोग इन्हें रकम नहीं देते उनके घरों पर पुलिस भेज दी जाती है। गैंगस्टर एक्ट में फ़साने और माफिया बनाने की धमकी देकर पुलिस इनपर दवाब बनाती है और कारोबार चौपट कर देने की धमकियाँ दी जा रही हैं। ऐसा तब है जबकि सीएम योगी का डर है।
 यदि समय से इन्हें नहीं रोका गया तो 2019 में भाजपा औंधे मुंह गिरेगी। लूटपाट और वसूली में जुटे भाजपाई खुद कह रहे हैं कि हमें 17 साल बाद सत्ता मिली है, सबका सीजन होता है अब हमारा सीजन है। गुंडे, माफिया, दलाल सभी भाजपाई हो गए हैं।
ऐसे भाजपाई अपने चहेतों को लाने में जुटे हैं। अफसरों से करोड़ों रुपया घूस लेकर अब आरआरएस के कद्दावर लोगों के जरिए सीएम और पीएमओ तक संपर्क साधा जा रहा है। अभी तो लोग बोल भी पा रहे हैं, इनकी पसंद के अफसर आ गए तो कोई शिकयत की भी हिम्मत नहीं जुटा पाएगा।
जो पैसा नहीं दे रहे उनकी सीएम से करा रहे शिकायतें
सूत्रों की माने तो जो लोग भाजपा नेताओं व विधायकों के धमकाने के बावजूद इन्हें रकम नहीं दे रहे हैं उनकी शिकायतें आरएसएस वालों के जरिए मुख्यमंत्री से करायी जा रही हैं। मुख्यमंत्री को ये कहानी बताई जा रही है कि इन लोगों पर पिछली सरकारों   का हाथ था। मुख्यमंत्री के सामने किसी को सपा सरकार तो किसी को बसपा सरकार का माफिया/ पार्टनर बताया जा रहा है। टारगेट पर ठेकेदार, शराब का काम करने वाले, बिल्डर्स और खनन का काम करने वाले हैं।
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