प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट की केंद्र को फटकार, कहा- उद्योग नहीं, लोगों की जिंदगी ज्यादा जरूरी

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(AU)

बढ़ते प्रदूषण से चिंतित सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि लोगों की जान किसी भी उद्योग से ज्यादा महत्वपूर्ण है। लोगों की जान से किसी तरह का समझौता नहीं किया जा सकता। शीर्ष अदालत ने यह टिप्पणी प्रदूषण की वजह से 60 हजार लोगों की मौत संबंधी रिपोर्ट देखने के बाद की। न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने सरकार से पूछा है कि पेट कोक के आयात की इजाजत क्या लोगों के स्वास्थ्य पर होने वाले प्रभाव का अध्ययन किए बिना दी गई थी। पीठ ने पर्यावरण व वन मंत्रालय द्वारा पेट कोक के आयात पर प्रतिबंध लगाने से होने वाले प्रभाव के बारे में स्टडी करने के लिए और समय मांगने पर खिंचाई भी की।

पीठ ने सरकार से कहा, ऐसा लगता है कि आप पेट कोक के आयात की इजाजत देने के लिए तत्पर हैं। क्या पूर्व में पेट कोक के आयात की इजाजत देते वक्त लोगों के स्वास्थ्य पर होने वाले असर का अध्ययन किया था। अखबारों में एक रिपोर्ट आई थी कि प्रदूषण की वजह से 60 हजार लोगों की मौत हो चुकी है। पीठ ने सरकार से पूछा कि आखिर आप लोग कर क्या रहे हैं? राजधानी में प्रदूषण की वजह से लोग मर रहे हैं। हम नहीं जानते कि यह रिपोर्ट सही है या नहीं, लेकिन आपकी रिपोर्ट में यह इशारा किया गया था कि प्रदूषण के कारण लोगों की जान जा रही है। पीठ ने कहा कि लोगों की जान किसी भी उद्योग से अधिक महत्वपूर्ण है।

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