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नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) फ्रांस के साथ हुए राफेल लड़ाकू विमानों के सौदे की जांच करेगा। मालूम हो कि सरकार और खुद रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण इस सौदे में किसी तरह का घोटाला नहीं होने का दावा करती रही हैं। एक वरिष्ठ सीएजी अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि सौदे की जांच का फैसला नया नहीं है। सीएजी पहले से ही रक्षा मंत्रालय के अधिकतर सौदों की जांच करता रहा है। हालांकि अब सीएजी की थोड़ी भूमिका बदल गई है क्योंकि पहले सिर्फ कंप्लायंस ऑडिट होता था। बाद में फाइनेंसियल ऑडिट शुरू किया गया और अब आउटकम ऑडिट भी होने लगा है। फ्रांस से हुए 58000 करोड़ के इस करार में 36 राफेल युद्धक विमान खरीदे जाने थे। कांग्रेस का आरोप है कि सौदे में पारदर्शिता नहीं है और विमान की कीमत उसके सामान्य दामों से ज्यादा अदा की गई है।