राष्ट्रपति आदिवासियों के साथ बिताएंगे एक दिन

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(AU)

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 25 जुलाई का दिन छत्तीसगढ़ के आदिवासियों के साथ बिताएंगे। इसी दिन राष्ट्रपति का पद ग्रहण किए उन्हें एक वर्ष जो पूरा हो जाएगा। इससे पहले सभी राष्ट्रपति हर साल 24 जुलाई को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में प्रधानमंत्री, उपराष्ट्रपति और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में एक किताब का विमोचन करते थे, जिसमें उन भाषणों का संग्रह होता था जो उन्होंने पिछले एक साल के दौरान विभिन्न कार्यक्रमों में दिए हों। यह पुस्तक राष्ट्रपति भवन ही तैयार करता था।

लेकिन कोविंद का मानना है कि खुद के भाषणों की पुस्तक का अपनी उपस्थिति में विमोचन कराने से बेहतर से देश के सबसे वंचित वर्गों के बीच दिन बिताना, उनकी समस्याएं समझना और उनके निराकरण के उपाय करना। इसीलिए 25 जुलाई की सुबह छत्तीसगढ़ के सबसे पिछडे़ इलाकों में से एक जगदलपुर के लिए रवाना हो जाएंगे और पूरा दिन आदिवासियों के बीच रहेंगे। लेकिन कोविंद द्वारा उठाया यह पहला ग़ैर-पारंपरिक कदम नहीं है।

वे उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की ब्रेकफास्ट मीटिंग बुलाकर उनसे लंबित मुकदमे निपटाने के लिए उचित समयसीमा तय करने के लिए कहते हैं। उनकी पहल पर अब उच्च न्यायालयों के फैसलों की प्रमाणिक प्रति स्थानीय भाषा में भी उपलब्ध होगी जिससे अंग्रेजी न जानने वाले लोग भी उसे ठीक प्रकार समझ सकेंगे। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने यह शुरू भी कर दिया है। दूसरे हाईकोर्ट भी यह प्रक्रिया जल्द शुरू करने वाले हैं।

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