वित्त मंत्री के सामने इस्ला के सदस्य अन्याय के खिलाफ उठाएंगे आवाज

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इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंश्योरेंस सर्वेयर्स एंड लॉस एसेसर्स का राष्ट्रीय कॉन्क्लेव एवं असाधारण सामान्य सभा 20 अप्रैल को फरीदाबाद के सूरजकुंड में आयोजित होगी। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल होंगे। इस्ला के सदस्यों ने वित्त राज्य मंत्री के समक्ष अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाने का निर्णय लिया है।
सदस्यों का कहना है कि इस्ला के पदाधिकारियों के अदूरदर्शी व पक्षपात पूर्ण रवैए के कारण वरिष्ठ सर्वेयर आहत हैं।राष्ट्रीय कार्य परिषद के पिछले चुनाव में प्रत्याशी रहे लखनऊ के वरिष्ठ सर्वेयर  विपिन कुमार शुक्ला ने आरोप लगाया कि इंश्योरेंस एक्ट संशोधन बिल संसद में पारित होने के बाद इस्ला की सदस्यता अनिवार्य हो गई है। इस कारण बीमा कंपनियों ने इस लाख की सदस्यता आधारित ग्रेडेशन लागू कर दिया है। इसके फल स्वरुप विगत 35-40 वर्षों से कार्य कर रहे सदस्यों की पदावनति हो गई है।आईआरडीए ने वर्ष 2002 में विभिन्न तकनीकी मानकों के आधार पर सर्वेक्षक को एबीसी कटेगरी में बांटा था। जिस पर वरिष्ठता के आधार पर ही श्रेणीबद्ध किया गया था। यह कार्य एक समिति जिसमें तकनीकी सदस्यों के अलावा अन्य न्यायिक अधिकारी भी थे, द्वारा किया गया था। उन्होंने कहा कि बीमा इंश्योरेंस विधेयक 2015 पारित होने के बाद बीमा कंपनियां इस्ला की सदस्यता आधारित केटेगरी लाइसेंसी एट एसोसिएट तथा फेलोशिप के आधार पर कार्य वितरण कर रही है। मगर इस्ला की सदस्यता का आवंटन गैर तकनीकी आधार पर वर्ष 2006 में किया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि इसला की राष्ट्रीय कार्यपरिषद बीमा संशोधन विधेयक पारित होने के उपरांत की परिस्थितियों के बावजूद अपने संविधान में संशोधन नहीं कर रही है। इसकी वजह से लगभग 3000 एसोसिएट मेंबर इस अदूरदर्शी रवैया का शिकार हो रहे हैं।  संगठन के पदाधिकारी बताते हैं कि आईआरडीए ने इस्ला को पत्र लिखकर एक सदस्य सतीश शरण के प्रकरण में स्वयं निर्देशित किया था मगर इस्ला इसे मानने को तैयार नहीं है। इसी कारण वित्त मंत्री के समक्ष अपनी बात रखने की योजना बनाई गई है।
*वित्त मंत्री से की भ्रष्टाचार की शिकायत*
राष्ट्रीय कार्य परिषद के सदस्यों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए वित्त मंत्री एवं रजिस्ट्रार ऑफ कंपनी को शिकायत पत्र प्रेषित किया है। इन सदस्यों का कहना है कि इस्ला की विगत साधारण सभा में कार्य परिषद के वित्तीय प्रस्तावों को सिरे से खारिज कर दिया था।फरीदाबाद के वरिष्ठ सर्वेयर सी.के. भाटिया का आरोप है कि राष्ट्रीय कार्य परिषद के पदाधिकारियों ने विगत साधारण सभा की कार्यवाई अभी तक सदस्यों को उपलब्ध नहीं कराई है जो कंपनी एक्ट का स्पष्ट तौर पर उल्लंघन है। उनका आरोप है कि भारी भरकम यात्रा भत्ता, पंचसितारा ट्रेनिंग सेशन तथा बिना किसी औचित्य के इस्ला के धन का दुरुपयोग किया जा रहा है। श्री भाटिया ने बताया कि सालाना ऑडिट में ये गड़बड़ी उजागर भी हुई है। इसकी जांच करने की आवश्यकता है।
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