सोने की तस्करी रोकने के लिए कस्टम ड्यूटी घटाने की दरकार

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(DJ)

सोने के आयात पर ऊंची ड्यूटी के चलते औपचारिक रास्ते से भले ही इसके आयात में कमी आ रही है, लेकिन तस्करी के रास्ते इसकी आवक बदस्तूर जारी है। जेम्स एंड ज्वैलरी उद्योग को उम्मीद है कि सरकार इस बार बजट में गोल्ड पॉलिसी की घोषणा कर सकती है। साथ ही कारोबारी सोने की तस्करी को नियंत्रित करने के लिए आयात शुल्क में कमी की मांग भी कर रहे हैं।

सरकारी जांच एजेंसी राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआइ) के मुताबिक वित्त वर्ष 2015-16 से चालू वित्त वर्ष में जून तक देश में लगभग 472 करोड़ रुपये मूल्य के सोने की तस्करी के मामले पकड़ में आए हैं। डीआरआइ ने वित्त वर्ष 2015-16 में सोने की तस्करी के 93 मामले पकड़े, जबकि 2017-18 में इनकी संख्या बढ़कर 143 हो गई। सूत्रों का कहना है कि हाल के वर्षो में सोने की तस्करी के मामले बढ़े हैं। ये मामले तब बढ़े हैं जब सरकार ने सोने पर आयात शुल्क बढ़ाया है। जनवरी 2012 में सोने पर आयात शुल्क दो फीसद था जो अगस्त, 2013 तक आते-आते 10 फीसद पर पहुंच गया। तब से यह इसी स्तर पर बरकरार है। कारोबारियों का कहना है कि सोने पर कस्टम ड्यूटी अधिक होने से दोतरफा मार पड़ रही है, क्योंकि तस्करी बढ़ने के अलावा जेम्स एंड ज्वैलरी क्षेत्र में रोजगार पर भी असर पड़ रहा है।

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